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मेरे दिल की बात

मेरा पूर्ण विश्वास है की हम जो भी परमपिता परमेश्वर से मन से मागते है हमें मिलता है जो नहीं मिलता यां तो हमारे मागने में कमी है यां फिर वह हमारे लिए आवश्यक नहींहै क्योकि वह (प्रभु ) हमारी जरूरतों को हम से बेहतर जनता है फिर सौ की एक बात जो देने की क्षमता रखता है वह जानने की क्षमता भी रखता है मलकीत सिंह जीत>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>> ................ मेरे बारे में कुछ ख़ास नहीं संपादक :- एक प्रयास ,मासिक पत्रिका पेशे से :-एक फोटो ग्राफर , माताश्री:- मंजीत कौर एक कुशल गृहणी , पिताश्री :-सुरेन्द्र सिंह एक जिम्मेदार पिता व् जनप्रतिनिधि (ग्राम प्रधान1984 -1994 /2004 - अभी कार्यकाल जारी है http://jeetrohann.jagranjunction.com/

सोमवार, 16 जनवरी 2012

जली रोटियां

jali rotiyan241 
जली रोटियां
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सब ने देखी हैं माँ की बनाई किनारों से जली रोटियां ,
जो खाई भी गई मगर माँ को कोसते हुए
कभी गवार ,तो हभी जाहिल बनी माँ
मै बस देखता रहा
कुछ न कह सका
कुछ न कर सका
सिवा छुप के रोने के
अब  मै बड़ा हो चुक हूँ
देखता हूँ फिर वही दोहराते हुए
अपने उसी घर में
एक फर्क के साथ ,वही तया वही चूल्हा
और रोटियां भी वही ,मगर एक फर्क
मेरी माँ निभाती है अपनी सास की परंपरा को
और कोई मौका नहीं छोडती कोसने का
रोटियां सकती अपनी बहू को
न दिखे रोटियां सेकते माँ के जले हाँथ उस सास को
न दिखे रोटियां सेकते बहू के जले हाँथ इस सास को
और मै बुजदिल
आज भी कुछ नहीं कर पाता
सिवा छुप के रोने के …………

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत गहन बात कह दी ... अपने दीं भूल जाते हैं सब और दूसरों के दोष दिखाई देते हैं ..

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  2. आदरनीय ,उत्साह देने हेतु धन्यवाद
    आगे भी आपके मार्गदर्शन की अपेक्षा रहेगी

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