आज कल आप सब के दरवाजे पर कई प्रकार के गधे ,घोड़े , व् खच्चर आ रहे होगे की हम सब से बेहतर हैं ,पर उन रंगे गधों में से हमें वो घोड़े पहचानने होगे गो कम चना खा कर कर्तव्य रूपी बोझ को विकास रूपी पथरीले रस्ते पर ले जा सके अतः हमें रंग ,जाती व् नस्ल न देखते हुए उन्ही घोड़ों को चुनना होगा यही हमारे व् हमारे समाज के लिए बेहतर होगा वर्ना पिछली गलती की तरह फिर पांच साल पछताना होगा और हाँ पहली बार की गलती ही गलती कहलाती है बार बार की गलती बेवकूफी कहलाती है मुझे उम्मीद है मेरे देश व् प्रदेश का युवा वर्ग बव्कुफ़ तो हरगिज नहीं होगा ,अतः वोट डालने जरुर जाए मत दान जरुर करे पर अपना मत “दान ” बिलकुल न करे अच्छे प्रत्याशी को वोट करे क्योकि यही समय है परिवर्तन लाने का
मलकीत सिंह “जीत”
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