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मेरे दिल की बात

मेरा पूर्ण विश्वास है की हम जो भी परमपिता परमेश्वर से मन से मागते है हमें मिलता है जो नहीं मिलता यां तो हमारे मागने में कमी है यां फिर वह हमारे लिए आवश्यक नहींहै क्योकि वह (प्रभु ) हमारी जरूरतों को हम से बेहतर जनता है फिर सौ की एक बात जो देने की क्षमता रखता है वह जानने की क्षमता भी रखता है मलकीत सिंह जीत>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>> ................ मेरे बारे में कुछ ख़ास नहीं संपादक :- एक प्रयास ,मासिक पत्रिका पेशे से :-एक फोटो ग्राफर , माताश्री:- मंजीत कौर एक कुशल गृहणी , पिताश्री :-सुरेन्द्र सिंह एक जिम्मेदार पिता व् जनप्रतिनिधि (ग्राम प्रधान1984 -1994 /2004 - अभी कार्यकाल जारी है http://jeetrohann.jagranjunction.com/

शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

शीर्षक गीत "फुर्सत के दिन"


उन के पास कभी हों शायद ,इतनी भी फुर्सत के दिन
उनको याद मेरी आये और, दिल की धड़कन हो मधिम
            उन के पास कभी हों शायद.................
फिर वो ढूंढे शायद  कोई,खोए सपनो का साथी
शायद उनको साथ गुजरे ,फिर से याद आयें सावन
            उन के पास कभी हों शायद..................
कसक उठे फिर उनका भी दिल ,भूली बिसरी यादों से
हाँथ पकड़ लें फिर वो मेरा ,फिर से हो वो मधुर मिलन
             उन के पास कभी हों शायद..................
उन के पास कभी हों शायद ,इतनी भी फुर्सत के दिन
उनको याद मेरी आये और, दिल की धड़कन हो मधिम
                       उन के पास कभी हों शायद..................

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