महान जगजीत सिंह जिन्हों ने गजल गायिकी को एक ऐसा मुकाम दिया जिस तक पहुचना युवा गायकों के लिए एक नजीर है वो आज अपनी जिन्दगी की गजल का ऐसा आखिरी अशार पढ़ गए जिसे जमाना हमेशा गुनगुनाता रहेगा
लिखिए अपनी भाषा में
मेरे दिल की बात
मेरा पूर्ण विश्वास है की हम जो भी परमपिता परमेश्वर से मन से मागते है हमें मिलता है
जो नहीं मिलता यां तो हमारे मागने में कमी है यां फिर वह हमारे लिए आवश्यक नहींहै
क्योकि वह (प्रभु ) हमारी जरूरतों को हम से बेहतर जनता है
फिर सौ की एक बात जो देने की क्षमता रखता है वह जानने की क्षमता भी रखता है
मलकीत सिंह जीत>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
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मेरे बारे में
कुछ ख़ास नहीं
संपादक :- एक प्रयास ,मासिक पत्रिका
पेशे से :-एक फोटो ग्राफर ,
माताश्री:- मंजीत कौर एक कुशल गृहणी ,
पिताश्री :-सुरेन्द्र सिंह एक जिम्मेदार पिता व् जनप्रतिनिधि (ग्राम प्रधान1984 -1994 /2004 - अभी कार्यकाल जारी है
http://jeetrohann.jagranjunction.com/
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सही कहा आपने जगजीत सिंह गजल की मशाल थे
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